नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ अर्थ- त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरह
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ अर्थ- त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरह